त्रिवेंद्र चचा बन गये उत्तराखंड के नीरो


- कैग रिपोर्ट में खुलासा, चचा ने कर्ज में डुबो दिया प्रदेश
- एक साल में ही राजस्व घाटा 383 करोड़ से बढ़कर 1978 करोड़ हुआ।

राज्य की जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया और बदले में त्रिवेंद्र चचा ने कर्ज और दुखों का पहाड उनके सिर पर रख दिया। त्रिवेंद्र चचा उत्तराखंड के नीरो हैं, यहां राज्य जल रहा है और त्रिवेंद्र चचा आराम से अपने दुष्ट सलाहकारों और प्रिय नौकरशाहों के बीच में बंसी बजा रहे हैं। त्रिवेंद्र चचा ने ़सोचा है कि अपना क्या जाता है, लुटा दो, डुबो दो प्रदेश। वैसे भी यह उनका आखिरी चुनाव है। इसके बाद जनता त्रिवेंद्र चचा को सबक सिखाने का काम करेगी। त्रिवेंद्र चचा बौंहाड़ पड़े सो रहे हैं और सोच रहे हैं कि उन्होंने इतिहास रच दिया है। हां चचा, आपने नकारेपन का इतिहास रचा है। पहाड़ विरोधी इतिहास रचा है। पहाड़ की भूमि बेचने का इतिहास रचा है। आपके कुशलन प्रबंधन की पोल कैग ने खोल दी है कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश का राजस्व घाटा 383 करोड़ था जो कि आपके एक साल के राज में ही बढ़कर 1978 करोड़ हो गया। यानी साढ़े चार गुणा घाटा बढ़ गया। आप ऐसे ही चलते रहें, जनता आप पर अपना आशीष लुटाती रहेगी। वैसे भी पूर्व सीएम के लिए आप अध्यादेश लाए ही इसलिए हैं क्योंकि आपको पता है कि आगे आपने सत्ता का मुंह देखना नहीं है। आप धन्य हैं चचा, सच में।