नवरत्न कंपनियों की नीलामी ने तोड़ा लोगों का दिल
- आर्थिक सुस्ती से देश में बेरोजगार और महंगाई बढ़ रही
मोदी 2.0 का पिछले छह महीने का कार्यकाल का मूल्यांकन से कहीं अधिक केंद्र सरकार के फैसलों को लेकर याद किया जाएगा। मोदी ने केंद्र में दोबारा सत्तासीन होते ही जम्मू-कश्मीर का इतिहास-भूगोल बदल दिया। कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई और 80 लाख लोगों को दो महीने से भी अधिक समय तक खुली जेल में बंद रखा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया। कश्मीर की रिलांचिंग के लिए केंद्र ने पिटारा खोल दिया। इधर, सेना के जवानों की शहादत अब भी जारी है। लेकिन वहां हालात अब भी नहीं बदले हैं। इंटरनेट काम नहीं कर रहे हैं और बंदिशें जारी हैं। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया तो देश की समझदार जनता ने इसे एक विवाद का अंत समझा और इसकी प्रतिक्रिया बहुत ही साधारण रही। इसलिए इस मुद्दे को भाजपा और सहयोगी दल भुनाने में नाकाम हो गये। यह मोदी 2.0 का दूसरा दौर जब शुरू हुआ तो विश्व में ग्लोबल स्लोडाउन हो गया और इसका व्यापक असर भारत पर पड़ा। आटोमोबाइल और कपड़ा उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया। इससे देश में बेरोजगारी बढ़ी है और अर्थव्यवस्था भी कथित रूप से सुस्त हो गयी। इसका परिणाम राजकोषीय घाटा बढ़ने लगा तो केंद्र को सरकार चलानी मुश्किल हो गयी। आरबीआई से पहले ही दो लाख करोड़ निकाल चुकी केंद्र सरकार के पास अब लिक्विडिटी की कमी हुई है तो वह नवरत्न कंपनियों को बेचने पर उतर आयी। कोयर से लेकर टीएचडीसी तक कंपनियों को बेचा जा रहा है। इससे जनता में गलत संदेश जा रहा है कि मोदी सरकार देश की आर्थिक हालात को सुधारने में नाकाम है। राजनीतिक रूप से भी भाजपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में जिस तरह से सत्ता हथियाने के लिए दाव-पेंच खेले उससे भी जनता को भाजपा से कहीं न कहीं विश्वास कम हुआ है। ऐसे में हाउडी मोदी का जो जादू था उसका प्रभाव खत्म होता नजर आ रहा है। हालांकि अभी मोदी सरकार के पास वक्त है कि वो आर्थिक सुधार कर और राजनीतिक शुचिता पर जोर दे ंतो जादू का असर कुछ और दिनों तक रह सकता है।
...तो खत्म हो रहा है हाउडी मोदी का जादू?