-- रेप इन इंडिया पर राहुल के बयान का भड़की
- काश! जैसे आज भड़की, हैदराबाद व उन्नाव कांड पर भड़कती
आज मोदी की टीम इंडिया की प्रमुख पिल्लर स्मृति ईरानी को लोकसभा में बोलते सुना। गला फाड़ कर बोल रही थी। नथूने फूल रहे थे, गोल चेहरा गुस्से से लाल था और अचानक ही उन्हें देश 60 करोड़ महिलाओं की इज्जत खतरे में नजर आने लगी थी। कारण, झारखंड की चुनावी सभा में राहुल गांधी उर्फ पप्पू ने कहा दिया कि मोदी जी कहते थे कि मेक इन इंडिया, लेकिन अखबार खोलो तो मेक इन इंडिया की जगह रेप इन इंडिया नजर आता है। बस स्मृति सदन में खड़ी हो गयी और आपा खो दिया। कहने लगी राहुल सदन के नेता हैं। ये बात मोदी जी को भी नहीं पता होगी। फिर कहने लगी कि राहुल चाहते हैं कि आओ और भारत में रेप करो। बकायदा उन्होंने चुनाव आयोग को भी इस पर कार्रवाई करने की मांग की हे। पता नहीं ये कैसा रूल होगा कि चुनाव आयोग में शिकायत की जा सकेगी। रूल टू रिकाॅल है शायद। दरअसल, स्मृति को लिखी स्क्रिप्ट याद कर बोलने की आदत है। टीवी सीरियल की यह आदत अभी गई नहीं, ऐसे में जब बिना स्क्रिप्ट के बोलेंगी तो अर्थ का अनर्थ ही करेंगी। खैर अच्छा लगा कि कम से कम राहुल के विरोध के बहाने ही सही, आधी आबादी के पक्ष में तो बोलीं। पर तुलसी जी, बेहतर होता कि जब उन्नाव और हैदराबाद जैसे कांड हुए तो तब दो बोल मुंह से फूट जाते तो क्या हो जाता। तब तो सांप सूंघ गया था।
