जिम कार्बेट पार्क में दिखेंगे गैंडे 


- कोटद्वार में 1989 में दिखा था आखिरी गैंडा
- ढिकाला जोन में आसाम से 15 गैंडे लाने की योजना
उत्तराखंड के प्रख्यात जिम कार्बेट पार्क में जल्द ही एक सींग वाले गैंडे भी नजर आएंगे। प्रदेश के वाइल्ड लाइफ बोर्ड नेे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया है। इसके तहत अगले तीन महीने में यहां गैंडे लाए जा सकेंगे। बायो डायवर्सिटीज यानी जैव विविधता के लिए यह प्रयास सराहनीय माना जा रहा है। कार्बेट रिजर्व पार्क में मौजूदा समय में बाध, गुलदार, सांभर, हाथी हैं। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने खोज में पाया था कि कोटद्वार के ऐलीफेंट कारीडोर में पहले भी गैंडे रहते थे। कोटद्वार में वर्ष 1989 में आखिरी पुरुष गैंडा दिखाई दिया था। शोध में पाया गया है कि सीटीआर के ढिकाला जोन, पीटरपानी और सुराई बुग्याल गैंडों के अनुकूल हैं। ढिकाला जोन को सबसे अधिक सुरक्षित माना जा रहा है। उनका कहना है कि इस जोन में 15 राइन्हो की गुजर-बसर हो सकती है। एक समय ऐसा था कि देश में गैंडें विलुप्त हो रहे थे लेकिन आसाम में उनको संरक्षण मिलने के बाद इनकी संख्या बढ़ी है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में आसाम के कजीरंग नेशनल पार्क और नेपाल के चितरंजन पार्क में 3500 गैंडे हैं।