हाय री कांग्रेस, ओह री कांग्रेस, आह री कांग्रेस, उफ्फ-उफ्फ कांग्रेस


कांग्रेस बाहर श्राइन-श्राइन करती रही, सदन में बाजी मार ले गये प्रीतम पंवार
- निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस के मुंह से मुद्दे का निवाला छीना
- बेचारी इंदिरा कहती रह गयी, कल करेंगे इस पर चर्चा
कांग्रेस के थके-हारे नेता संजीवनी की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं। कभी-कभार इस बूढ़े हो चुकी पार्टी के नेताओं के हाथ कोई मुद्दा लगता है तो गंवा देते हैं। क्या करें? कांग्रेस की किस्मत ही खराब है। उदाहरण, श्राइन बोर्ड का मुद्दा लिया जा सकता है। आज प्रदेश कांग्रेस के कई नेता जिनमें सूर्यकांत धस्माना, राजेंद्र शाह, आदि मौजूद थे, गला फाड़-फाड़ कर तीर्थ पुरोहितों के हितों की बात कर रहे थे। आंसू बहा रहे थे, लग रहा था कि मंदाकिनी और अलकनंदा आज राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से ही निकलेगी। पर बेचारों को क्या पता था कि सदन में थके हारे कांग्रेसी नेता बचाव भी नहीं कर पाएंगे। दोपहर बाद श्राइन बोर्ड का मुद्दा निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने उठा लिया। इस पर इंदिरा बोलने लगी कि इस मुद्दे पर बहस कल नियम 310 के तहत चर्चा करेगी। विधानसभा अध्यक्ष मौका ताड़ गये और तुरंत कहने लगे कि जब मुद्दा आज उठा है तो चर्चा भी हो जाए। बस, इंदिरा और कांग्रेस के अरमानों पर पानी फिर गया। प्रीतम ने मदन कौशिक के जवाब से संतुष्ट न होने का बहाना बनाया और वाॅक आउट कर गये। कांग्रेस के 11 विधायक प्रीतम पंवार का मुंह ताकते रह गये।