आखिर सूसाइड क्यों कर रहे हैं आईआईटी के छात्र?


- पिछले पांच साल में 50 आईआईटीयन ने की सूसाइड 
-आईआईटी चेन्नई की छात्रा फातिमा की आत्महत्या पर सवाल
देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों के कैंपस में बीते 5 सालों में 50 छात्रों की मौत हुई है। इनमें से अधिकतर छात्रों ने सूइसाइड किया था और ज्यादातर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का केस दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा 14 छात्रों की मौत आईआईटी गुवाहाटी में हुई, जबकि आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे में 7-7 छात्रों की कैंपस में मौत हुई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने संसद एनके प्रेमचंद्रन के सवाल के जवाब में यह बात कही। द रिवॉलूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद ने आईआईटी मद्रास की छात्रा फातिमा लतीफ की आत्महत्या से जुड़ा एक सवाल पूछा था, जिसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री ने यह बात कही।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें कई सांसदों से इस संबंध में ज्ञापन मिला है कि फातिमा की सूइसाइड से जुड़े मामले की जांच कराई जानी चाहिए। बता दें कि आईआईटी कैंपसों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय ने 6 साल पहले आईआईटी कानपुर के पूर्व चेयरमैन एम. आनंदकृष्णन के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने पाया था कि आत्महत्या करने वाले ज्यादातर ऐसे छात्र थे, जो अकादमिक दबाव के चलते परेशानी महसूस कर रहे थे। आनंदकृष्णन ने हमारे सहयोगी अखबार चाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने अपनी सिफारिश में कहा था कि छात्रों के काउंसिलिंग सेवाओं में इजाफा किया जाना चाहिए।