त्रिवेंद्र रावत एडं कंपनी प्राइवेट लिमिटिड बना दी सरकार 

हे सरकार, वो सरकार, कहां है सरकार?
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- चांदी का जूता खाने के बाद भी तवायफ सा इतरा रहा मीडिया 
उत्तराखंड में यदि कहा जाएं कि सरकार नाम की कोई चीज नहीं है तो कोई गलत नहीं होगा। दरअसल, त्रिवेंद्र एक रुग्ण प्राइवेट लिमिटिड फर्म चला रहे हैं और इस कंपनी के जनरल मैनजर हैं राधिका झा और एडमिन हैं नीतीश झा। मार्केटिंग मैनेजर हैं मनीषा पंवार और सब लोग बेकार है किसी की सुनी जा रही है। केंद्र से मिले धन की बंदरबांट हो रही है और कहा जा रहा है जीरो टोलरेंस सरकार है। राज्य स्थापना दिवस के सप्ताह भर समारोह दरअसल इंवेंट मैनेजमेंट का एक हिस्सा है। इसमें सूचना विभाग के अधिकारियों और सरकार की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का गोलमाल हो रहा है। इस रुग्ण त्रिवेंद्र रावत एडं कंपनी ने अपनी नाकामियां छिपाने के लिए सैनिकों के नाम पर अमर उजाला, कान्कलेव के नाम पर एपीएन, रैबार के नाम पर आज तक चैनल के नाम पर हिल फाउंडेशन, युवाओं के नाम पर एबीपी न्यूज चैनल, हिन्दुस्तान समेत सभी मुख्यधारा के चैनलों और अखबारों को इंवेट का हिस्सा बनाकर भारी गोलमाल किया है। मीडिया समूह भी खुश और त्रिवेंद्र रावत एडं कंपनी भी खुश। इसमें दुखी है तो केवल राज्य आंदोलनकारी, जिनकी बदौलत राज्य मिला लेकिन राज्य स्थापना दिवस सप्ताह में उनकी कोई पूछ नहीं है। आंदोलनकारियों से निवेदन है कि दुखी न हों, ये सरकार नहीं कंपनी है। और कंपनी को तो जहां से निजी लाभ होगा, उसी की सोचेगी। मुझे शिकायत है तो मुख्यधारा की मीडिया से। बहुत बेशर्म है ये मीडिया। चांदी का जूता खाते भी हैं और तवायफ की तरह इतराते भी हैं। अमर उजाला के प्रोग्राम की खबर दूसरे अखबारों ने अंदर के पेज में दी तो चैनलों की खबर पता नहीं कौन दिखाएगा। आज युवा सम्मेलन है एबीपी को एक बड़ा चांदी को जूता मिला है पता नहीं अन्य चैनल दिखाएंगे या नहीं। अरे भई जब मंडी में तवायफ बने हो तो मुख्यधारा के पत्रकारो नाचो छम्माछम, झमाझम।