- वर्चुअल क्लासेस के लिए हाॅस्टल के बच्चों को निकाला
- राजीव नवोदय स्कूल की डोरमेट्री खाली करायी, रो रहे हाॅस्टल के बच्चे
- मीनाक्षी संुदरम प्रदेश का सबसे बड़ा भ्रष्ट अधिकारी!
त्रिवेंद्र चचा जब 16 नवम्बर को प्रेस डे के दिन देहरादून के राजीव नवोदय स्कूल में वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन कर रहे थे तो वहां के छात्र-छात्राएं रो रहे थे। दरअसल, वर्चुअल क्लासेस के जो स्टूडियो बनाए गये हैं वह पूरा स्थान हाॅस्टल की डोरमेट्री में रह रहे बच्चों से छीना गया है। बोर्ड एग्जाम सिर पर हैं और बच्चों से उनका आसरा छीन लिया गया है। कोई बताए कि 96 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में क्या कोई सरकारी भवन नहीं था जो बच्चों का हास्टल छीन लिया गया। पहले ही यहां एक फ्लोर एसईआरटी ने लिया है। अब चार डोरमेट्री कम होने से बच्चों को अन्य डोरमेट्री में एडजस्ट करने के नाम पर भेड़-बकरियों की तरह भर दिया गया है। बता दूं कि राजीव नवोदय स्कूल ने इस देश को प्रदेश को कई सैन्य अफसर, डाक्टर और आईआईटियन दिये हैं। गरीब बच्चों के लिए यह स्कूल वरदान है फिर ऐसा जुल्म इन बच्चों के साथ क्यों किया गया? शासन के सूत्रों के अनुसार मीनाक्षीसुंदर सबसे भ्रष्टतम अधिकारियों में गिने जाते हैं और भ्रष्ट नेताओं के लिए वे कमाऊ पूत हैं। आरोप है कि हरिद्वार महाकुंभ 2010 के दौरान डीएम रहते हुए उन्होंने खूब मलाई खाई थी, निशंक और उनकी जोड़ी जग-जाहिर है। और अब 96 करोड़ रुपये के बजट को ठिकाने लगाने के लिए मीनाक्षीसंुदरम ने केरल की एक कंपनी को वर्चुअल क्लासेस का ठेका दे दिया । एमडीडीए के भ्रष्टाचार के पीछे भी मीनाक्षी संुदर एक बड़ा कालिख माना जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि मीनाक्षीसंुदर ने हमारे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। वर्चुअल क्लासेस धोखा है मतलब तो सिर्फ बजट को मार्च 2020 से पहले ठिकाने लगाना है।
त्रिवेंद्र चचा, यह कहां का इंसाफ, एक घर बसाने के लिए दूसरा उजाड़ दो?