अब देवभूमि में महिलाएं सुरक्षित नहीं
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध बढे़
- 2017 में 374 महिलाओं के साथ रेप, 160 नाबालिग शामिल
पटना से हजारों किलोमीटर की मोटर साइकिल पर निकली तबस्सुम अली देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उत्पीड़न के प्रति जागरूकता अभियान के तहत कल देहरादून पहुंची। तवस्सुम अली जब देहरादून के प्रेस क्लब में महिलाओं के साथ उत्पीड़न की बात कर रही थी तो नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी उस दौरान अपनी रिपोर्ट में तवस्सुम अली के दावों को पुख्ता कर रहा था। देवभूमि उत्तराखंड भी अब महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। यहां तेजी से महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2017 में महिलाओं के खिलाफ प्रदेश में 1944 केस दर्ज किये गये इसमें 374 केस रेप, 311 अपहरण के केस हैं जबकि तीन एसिड अटैक भी हुए। बच्चों के साथ अपराध में भी बढ़ोतरी हुई है। 2016 में 676 केस थे जबकि 2017 में बच्चों के खिलाफ अपराध केस 829 हो गये। इस दौरान आठ बच्चों का मर्डर भी हुआ। सबसे अहम बात यह है कि महिलाओं और बच्चों के साथ आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त 80 प्रतिशत आरोपी जानने वाले या निकटस्थ लोग हैं।
अब देवभूमि में महिलाएं सुरक्षित नहीं